Mandir/ मंदिर
सुहाग का शव / Suhag Ka Shav
प्रायः लोग यही सोचते हैं कि प्रेमचंद की नायिका दूसरों पर आश्रित, मानसिक रूप से कमजोर होती है पर यह कहानी यह साबित करती है कि प्रेमचंद की नायिका में निर्णय लेने की क्षमता है---मनोवैज्ञानिक धरातल पर रची सशक्त कहानी