KahiAnkahi With Astha Deo
Soch K dabbe
kyonki dabbon mein chizein band hoti hain log nahin!
मुझे आजाद रहने दो,
तुम्हारी उस हर सोच से,
जो तुम्हे मुझसे मिलते ही उकसाती है
बनाने के लिए एक खाका मेरा!
मेरे छोटे से शहर का होगा,
एक आम सा साँचा दिल में तुम्हारे,
तुम अब तक मेरे खुले दिमाग को,