बनकर मसीहा तब वो आया, हमको हमारी मंजिल तक पहुंचाया।
हम बेबस थे ,बेसहारा थे ,डर डर कर जी रहे थे भूखे थे, प्यासे थेेेेे सड़कों पर मारे मारे फिर रहे थे।
बनकर मसीहा तब वो आया, हमको हमारी मंजिल तक पहुंचाया।
हम को खाना खिलाया,पानी पिलाया और दोस्त कह कर गले लग