विचार – भावना – मंथन – भाव – लेखन मन में बहुत तरह के विचार हर समय आते रहते हैं | जब एक ही तरह के विचार आते हैं तब वह हमारी भावना में परिवर्तित हो जाते हैं | भावना कभी भी बदल सकती है लेकिन जब हम उसका मंथन करते हैं | तब वह भाव बन जाता है और भाव कभी नहीं बदल