Chota Sa Fasana
Ep-3 मेरा बचपन दूरदर्शन और कार्टून देख देख कर बीता, और आपका? चलो आज सैर करते है फिर से बचपन के गलियार
बचपन हर माईने में ख़ास था, न रोक टोक न जल्दबाज़ी और न ही ज़िम्मेदारियों का बोझ. आज स्थिति और लोग दोनों ही अलग है. आज की जनरेशन फ़ोन के अलावा शायद ही कुछ जानती हो.. आज कल के बच्चे बचपन से ही मातुरे है और मुझे तो याद है की में २१ साल की उम्र तक भी immature हुआ